ईसा मसीह प्रेम और मदद करते हैं
हे सब परिश्रम करनेवालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे (जीसस के) पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूँगा (मत्ती 11:28)।
क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए (योहन 3:16)।
इस दीन जन ने पुकारा तब यहोवा ने सुन लिया, और उसको उसके सब कष्टों से छुड़ा लिया (भजन संहिता 34:6)।
वह अपके वचन के द्वारा उनको चंगा करता और जिस गड़हे में वे पके हैं, उस से निकालता है (भजन संहिता 107:20)।
जिस प्रकार माता अपके पुत्र को शान्ति देती है, वैस ही मैं भी तुम्हें शान्ति दूँगा (यशायाह 66:13)।
मैं तुझ को न बिसराऊंगा। दूँगा (यशायाह 44:21)। परखकर देखो कि यहोवा कैसा भला है! (भजन संहिता 34:8)।
यीशु मसीह कल और आज और युगानुयुग एक सा है (इब्रानियों 13:8)।
मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं (यीशू) ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता (यूहन्ना 14:6)।
क्योंकि मनुष्य का पुत्र (यीशु) खोए हुओं को ढूंढ़ने और उन का उद्धार करने आया है (लूका 19:10)।
परन्तु जितनों ने उसे (यीशु को) ग्रहण किया, उस ने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया (यूहन्ना 1:12)।
क्योंकि उस की (यीशु की) परिपूर्णता से हम सब ने प्राप्त किया अर्थात् अनुग्रह पर अनुग्रह (यूहन्ना 1:16)।
परन्तु वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उसकी ताड़ना हुई कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं (यशायाह 53:5)।
अच्छा चरवाहा मैं हूं; अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिये अपना प्राण देता है (यूहन्ना 10:11)।
पश्चात्ताप करो क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आया है (मत्ती 4:17)।
प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा (प्रेरितों के काम 16:31)।
वह सब जो मेरे (यीशु के) पास आएगा, उसे मैं कभी न निकालूंगा (यूहन्ना 6:37)।
उस ने जो मुझ से स्नेह किया है, इसलिथे मैं उसको छुड़ाऊंगा; मैं उसको ऊंचे स्थान पर रखूंगा, क्योंकि उस ने मेरे नाम को जान लिया है। (भजन संहिता 91:14)।
और यदि मैं (यीशु) जाकर तुम्हारे लिथे जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहाँ ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो (यूहन्ना 14:3)।
क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु यीशु मसीह में अनन्त जीवन है (रोमियो 6:23)।
क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ने ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये प्राण त्यागे। (रोमियो 5:6)।
ईसा मसीह 2000 वर्ष पूर्व इस पृथ्वी पर आए। उन्होंने लोगों का भला किया और तमाम तरह के रोगों से उन्हें चंगा किया। उन्होंने ईश्वर के राज्य के बारे में सुसमाचारों का उपदेश दिया। वे मृत होकर जी उठे और आज भी जीवित हैं। वे कल, आज और हमेशा वैसे ही रहेंगें। वे आज भी उन लोगों की भलाई करते हैं जो उनके पास आते हैं।
प्रार्थना
“यीशू, मैं तुमसे प्रेम करता हूँ, मेरे पापों के क्षमा करो, और मेरे रोगों को दूर करो। मुझे शांति, आराम और खुशी दो। मुझ पर कृपा करो और मुझे अनंत जीवन प्रदान करो। अमेन्।”
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