अनन्तकाल के लिए स्वतंत्रता
आज़ादी की खुली हवा में हमारा देश एक संपूर्ण, संपन्न, समाजवादी, धर्म निरपेक्ष और लोकतंत्रात्मक गणराज्य है। “स्वराज हमारा जन्म सिध्ध अधिकार है” यही हमारा नारा है। मित्रो, क्या हम सचमुच आज़ाद है?
आज हमारा समाज गुनाह की गुलामी में, मानसिक पीड़ा की यातना में, जान लेवा बीमारियो की जकड में निराश होता जा रहा है। ग़रीबी, बेरोजगारी, अस्पृश्यता जैसे अभिशाप समाज में बुराई और अशांति फैला रहें है। दूसरी तरफ जहाँ दौलत और शौहरत है, वहा मनुष्य अफीम, शराब, सिगरेट, सिनेमा, व्याभिचार जैसे महापाप का गुलाम होकर अपने शरीर को, जो परमेश्वर का मंदिर होना चाहिए उसे अशुध्द करते हुए, अपने स्वार्थ में मनोरंजन की कोशिश कर रहे है। पलभर के आनंद और आराम के लिए शैतान के मायाजाल में गिरती हुई मानव जाती पवित्र परमेश्वर से दूर जा रही है याने नित्य नरक के मृत्यु दण्ड की ओर।
क्या आप मृत्यु के डर से संपूर्ण स्वतंत्र है? आम तौर पर लोग मरने पर कहते है, “स्वर्गवास हो गया”। नेता हो या अभिनेता हो, चोर हो या सज्जन हो, मृत्यु के बाद स्वर्गवास या नरकवास का क्या ठिकाना है? पवित्र शास्त्र बाइबल के अनुसार मनुष्यों के लिए एक बार मरना और न्याय का होना नियुक्त है (इब्रानियों 9:27)। दुष्ट (पापी) नित्य दण्ड भोगेंगे, परन्तु धर्मी अनन्त जीवन पायेंगे (मत्ती 25:46)। स्वर्ग राज्य के नियम के मुताबिक़ परमेश्वर के न्यायासन के सामने सबके हाल खुल जायेंगे की हार एक व्यक्ति अपने भले बुरें कामों का बदला, जो उसके शरीर द्वारा किये हो, पाए (2 कुरिन्थियों 5:10; प्रकाशित वाक्य 20:12)। पर डरपोकों, और अविश्वासियों, और घिनौनों, और हत्यारों, और व्यभिचारियों, और टोन्हों, और मूर्तिपूजकों, और सब झूठों का भाग उस झील में मिलेगा, जो आग और गन्धक से जलती रहती है: यह दूसरी मृत्यु है (प्रकाशित वाक्य 21:8)। शुध्ध किये जाने के लिए मसीह एक मात्र छूटकारा है।
क्या आप पाप से छूटकारा पाकर अनन्त स्वर्ग में जाना चाहते है?
कोई भी इंसान अपने अच्छे कामों (दान, धर्म, पूजा, बलि चढाने) के द्वारा अपने आप को सृष्टिकर्ता परमेश्वर के सामने निर्दोष नहीं बना सकता है। हाथों में पाप के दाग लिए हुए कौनसा काम परमेश्वर को प्रसन्न करेगा? पाप का प्रायश्चित तथा प्राण का प्रायश्चित लहू देकर (बलि चढ़ाकर) ही हो सकता है यह तो सच्चाई है (लैव्यव्यवस्था 6:30)। इस कारण येशु मसीह जो निर्दोष था, और पाप से अज्ञात था, पापियों को अपने साथ मेल कराने के लिये, पाप बलि बन गया (इब्रानियों 9:26)। केवल प्रभु येशु मसीह ही अपने पवित्र लहू के द्वारा मेरे व आपके लिए दाम चुकाया और छूडाने वाला बन गया।
प्रेमी परमेश्वर इन्सान बनकर आया, साढ़े तैतीस साल इस दुष्ट दुनिया में पवित्रता का मार्ग, सच्चाई और जीवन बनकर प्रकट हुआ। कलवरी क्रूस पर हमारे पाप, श्राप, और बिमारी अपने ऊपर लेते हुए यही येशु ने मृत्यु के अधिकारी दुष्ट शैतान का सिर कुचल दिया। वह केवल येशु ही है जो पापियों के लिए मर गया, और तीसरे दिन मुर्दों में से जी उठा, परमेश्वर का एकलौता बेटा होकर प्रगट हुआ – यही हमारा मसीहा है, यही हमारा मुक्तिदाता है, हमारी सारी समस्याओं का उत्तर प्रभु येशु में है।
जहाँ आतंकवाद, चोरी, ह्त्या, बलात्कार और घोटाले बढ़ते जा रहे हैं वहा सारी पृथ्वी न्याय और नाश की ओर बढ़ रही है। प्रभु येशु पहेले तो पापियों को बचाने के लिए आया था और अब वह बहुत जल्दी पवित्र लोगों को अपने साथ स्वर्गराज्य में शामिल करने के लिए आ रहे है। नया जन्म यानी की पानी से जन्म और आत्मा से जन्म पाने के द्वारा आप भी परमेश्वर के अनन्त राज्य में दाखिल हो जाइए। “क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए” (युहन्ना 3:16)।
आपका चुनाव क्या है? आपकी चुनौती क्या है? मृत्यु के बाद आप अपना अनन्तकाल कहा गुजारेंगे? स्वर्ग या नरक?
क्या आप मानते है की 1.आप पापी है! 2. मुक्तिदाता येशु आपके लिए क्रूस पर मर गया और मुर्दों में से जी उठा! 3. येशु ही आपका पाप माफ़ करेगा, साफ़ करेगा, और वह आपको अपना बेटा बनाएगा!
मित्रो, प्रभु येशु को अपने ह्रदय में व्यक्तिगत मुक्तिदाता के रूप में ग्रहण कीजिए। येशु ने हमारे सब रोगों को भी क्रूस पर उठा लिया तथा उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो गए है। उसका वादा है, “मैं तुम्हारा चंगा करने वाला यहोवा हूँ”। आनंद, आराम और आज़ादी केवल प्रभु येशु में ही है, यह हमारा अनुभव है।
प्रार्थना – हे प्रभु, मैं एक पापी हूं। कृपया मुझे क्षमा करें। में खुद की सहायता नहीं कर सकता इसलिए मैं जैसा हूं वैसा ही आपके पास आया हूं। मैं विश्वास करता हूं की आप मुझे प्यार करते है, और इसलिए आप मेरे लिए मर गए। मुझे मेरे भूतकाल को पीछे छोड़ने और अपने जीवन के सारे दिनों में तेरे पीछे चलने के लिए सहायता करें। मैं आपको अपना मुक्तिदाता और प्रभु के रूप में स्वीकार करता हूं। मैं अपना पूरा जीवन आपको देता हूं। येशु के नाम से। आमीन।
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