चंगाई आपकी है
चाहे मनुष्य के पास दौलत, पढ़ाई, स्तर आदि सबकुछ हो फिर भी उसे अपने जीवन में आराम, ख़ुशी, शान्ति, और सेहत की कमी है। आनद और शान्ति प्राप्त करने के लिए वह कई परिश्रम करता है, पैसे खर्च करता है और पापमय अभिलाषाओं में फंस जाते है परन्तु कोई फायदा नहीं। वह इस बात से अनजान है की यह सब बातें केवल उसके प्राण में बेचैनी और शरीर में बिमारी और मृत्यु ही लाते है।
जब परमेश्वर ने मनुष्य की सृष्टि की, उसने न केवल अपने स्वरुप और समानता में उसे बनाया परन्तु आनंद, शान्ति, आराम, तंदुरस्त शरीर और अनन्त जीवन भी दिया। परन्तु जब मनुष्यने परमेश्वर की आज्ञा को तोड़ा और पाप किया, तब न केवल उसने अपनी आशीषों को नष्ट कर दिया, परन्तु मृत्यु, डर, प्राण में निराशा और शरीर में कमजोरी और असाध्य रोगों का दास भी बन गया।
चंगाई पाने के कई तरीके इस्तेमाल किए जाते है जैसे ताबिबी चंगाई और शैतानिक चंगाई, परन्तु कुछ भी मनुष्य को पूर्ण चंगाई नहीं दे सकता। इस से बढ़कर कुछ दवाईयों के कई बुरे प्रभाव होते है और कई और बिमारी को पैदा करते है। बेशक आधुनिक विज्ञान ने कई नई दवाइयों का परिचय दिया है फिर भी नई बीमारिया उभर रही है जो डॉक्टरों को भी बड़ी चुनौती दे रही है। एसी परिस्थितियों में आप यह सोचकर व्याकुल होंगे की इस बीसवी सदी में कोई डॉक्टर है जो आपकी बिमारी को चंगा कर सके।
मित्रों, हम आपको एक डॉक्टर से परिचय करवाते है। यह जरुरी है की आप उसके पास विश्वास से आयें। वह मानवाता के सबासे श्रेष्ठ डॉक्टर है। जिसका नाम येशु है, वह कहेता है, “मैं तुम्हारा चंगा करनेवाला यहोवा हूं” (निर्गमन 15:26); “…उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं”; “उसने आप हमारी दुर्बलताओ को ले लिया और हमारी बीमारियों को उठा लिया” (यशायाह 53:5; मत्ती 8:17)। वह हमें यह कहकर बुलाता है, “हे सब परिश्रम करनेवालों और बोझ से दबे हुए लोगों, मेरे पास आओं, मै तुम्हे विश्राम दूंगा” (मत्ती 11:28)। येशु ने पाप, बिमारी, श्राप यहाँ तक की मृत्यु पर भी विजय प्राप्त की और सदा के लिए जीवित है। और वो विश्वास करनेवालों के लिए इसी जय की प्रतिज्ञा करता है।
यदि आप पश्च्याताप के साथ अपने पापों को प्रभु येशु के सामने अंगिकार करते है और उसे अपना व्यक्तिगत उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार करते है, तो वह न केवल आपके पापों को क्षमा करता है पर आपके प्राण में विश्राम भी देता है और आपके शरीर की बिमारी को हटाते हुए आपको संपूर्ण चंगाई भी देता है। “वही तेरे सब अधर्म को क्षमा करता और तेरे सब रोगों को चंगा करता है, वही तो तेरे प्राण को नाश होने से बचा लेता है” (भजन संहिता 103:3, 4)। वह अपने वचन के द्वारा उन को चंगा करता और जिस गड़हे में वे पड़े हैं, उससे निकालता है” (भजन संहिता 107:20)। वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिए हुए क्रूस पर चढ़ गया जिस से हम पापों के लिये मर कर के धामिर्कता के लिये जीवन बिताएं: उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए” (1 पतरस 2:24)।
बीमारों को देखकर येशु ने तरस खाया। उसने दस कोढियों को चंगा किया। उसमें से सामर्थ निकली और उस स्त्री को जिसे लहू बहाने का रोग था, उसे चंगा किया। येशु के पास जो भी बीमार आयें, वे चंगे हो गए। उसने अन्धो को दृष्टी दी, बहिरों के कान खोले, गुंगो को वाचा दी और लंगड़ो को चलाया। यहां तक की उसने मरे हुओं को भी फिर से जीवित किया। येशु कल, आज और युगानुयुग एक सा है। आज भी उसका हाथ छोटा नहीं हुआ की वह चंगा न कर सके।
मेडिकल विज्ञान और शल्यक्रिया मनुष्य को शारीरिक रूप से चंगा कर सकते है। परन्तु हमारें स्वर्गीय डॉक्टर, येशु के द्वारा मुफ्त में मिलने वाली दैविक चंगाई न केवल मनुष्य के शरीर को, परंतु उसके मन, प्राण और बाकी सारे भागों को भी चंगा कर सकती है।
इसलिए चाहे आपकी बिमारी कुछ भी क्यों न हो, और चाहे डॉक्टर ने भी जवाब दे दिया हो, लेकिन यदि आप भी चंगा होना चाहते है, तो अपने आप को पूरी रीती से येशु जो प्रभु और स्वर्गीय डॉक्टर है उसके हाथ में सोंप दे और इस प्रकार प्रार्थना करें।
‘प्रभु येशु, मै विश्वास करता हूं की आप कलवरी क्रूस पर न केवल मेरे पापों के लिए, परन्तु मेरी बिमारियों के लिए भी मर गए। अनुग्रह करके मेरे पापों को क्षमा करे और मुझे पूर्ण चंगाई दे। मैं अपने जीवन को साफ़ करके आपका बेटा बनाना चाहता हूं। आमीन।’
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