The one who gave his life for you_Hindi

वह जिसने आप के लिए जीवन दिया

                परमेश्वर ने अपने स्वरुप में मनुष्य की सृष्टि की। परमेश्वर के साथ संगती रखकर वह शान्ति व ख़ुशी के साथ जी रहा था और शरीर में भी अच्छा तंदुरस्त था। परन्तु जब उसने पाप किया तब परमेश्वर के साथ की संगती को नष्ट करके, ख़ुशी और शान्ति से रहित हो गया, और शरीर में कई रोग और दर्दो का भागी होकर, अपने आत्मा, प्राण और शरीर में विश्रामरहित हो गया। इस प्रकार के मनुष्य को छुडाकर, नष्ट किया हुआ सबकुछ उसे फिर से देने के लिए, करीब 2000 वर्ष पहेले, हमारा सृष्टिकर्ता प्रभु परमेश्वर इस संसार में येशु के नाम में, मांस और लहू में पापरहित होकर प्रगट हुआ। इस पाप भरे संसार में पापरहित जीवन बिताकर, लोगों की भलाई करने के लिए वह गावों और नगरों में घूमता फिरा, उसने अन्धो को आँखे दी, बहिरों के कान खोले, गूंगों को नई वाचा दी, कोढियों कों चंगा किया, शैतान से सताए हुए लोगों को छुटकारा दिया और कंगालों को सुसमाचार का प्रचार किया।

लहू बहायें बिना पापों की क्षमा नहीं होती। प्राण में पापों की क्षमा लहू से ही मिलाती है, इस व्यवस्था के अनुसार, हमारे प्रभु येशु ने, सारी मानव जाती के लिये, अपना पूरा लहू बहाने का फैंसला लेकर क्रूस की मृत्यु के लिये अपने आप को सोंप दिया। रोमी सैनिको ने उसे सताया; कांटो का मुकुट उसके सिर पर रखकर, सिर पर सरकंडे से मारा। उसके बाद उसे क्रूस पर लटका दिया। प्रभु येशु तीन किलों से क्रूस पर लटकाया गया।

प्रभु येशु जो पाप से अज्ञात था, जिसके अन्दर पाप नहीं था, और जिसने पाप नहीं किया था; हमारे अपराधो के कारण घायल किया गया। वह हमारे अधर्मो के कारण कुचला गया। हमारी ही शान्ति के लिए उस पर ताड़ना पड़ी। पाप की मज़दूरी मृत्यु है। मानव जाति को अपने पापों के कारण जिस मृत्यु रूपी दण्ड को पाना था, उसे प्रभु येशु ने अपने ऊपर उठाया, इस प्रकार वह कलवरी क्रूस पर मर गया।

“परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा” (रोमियों 5:8)। प्रभु येशु इस प्रकार मरा, इतना ही नहीं, जैसा उसने कहा था वैसे वह मृत्यु और अधोलोक पर जय पाकार, तीसरे दिन जी भी उठा। जी उठने के बाद वाह स्वर्ग में ऊपर चढ़ गया और आज भी हमारे लिए जीवित है।

प्रिय मित्र! प्रभु येशु ने आपके लिए उठाये हुए कष्टों और दर्दो को जब आप याद करेंगे, तब आपका पत्थर का ह्रदय पिघल जाएगा। और आंसुओ के साथ अगर आप प्रभु से अपने पापों की क्षमा मांगते है, तो वह आपके पापों को माफ़ करेगा और आपको शान्ति, आनद और आराम देगा। “उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है…यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है” (1 युहन्ना 1:7-9)।

येशु मसीह न केवल हमारे पापों के लिए लेकिन हमारी बिमारियों के लिए भी क्रूस पर मरा है। “उस ने आप हमारी दुर्बलताओं को ले लिया और हमारी बीमारियों को उठा लिया” (मत्ती 8:17)। ” उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं” (यशायाह 53:5)। मनुष्य के पाप के कारण, श्राप आया और श्राप के कारण उस पर बीमारी आ गई। प्रभु येशु ने हमारी बीमारियों को क्रूस पर सह लिया। यदि हम विश्वास करते हैं कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हैं, तो हम अपनी बीमारियों से पूर्ण रूप से छुटकारा पा सकते है।

प्रिय मित्र! यदि आप विश्वास करते हैं कि प्रभु येशु जिसने आपके लिए अपना जीवन दिया था, वह मृत्यु में से जी उठा है और अभी भी आपके लिए जी रहा है, तो आप उसके लहू के द्वारा अपने पापों और बीमारियों से छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं। येशु मसीह स्वर्ग तक पहुँचने के लिए पवित्र जीवन व्यतीत करने के लिए आपको प्यार से बुलाता है।

यदि आप प्रभु येशु की मृत्यु के माध्यम से प्राप्त किए गए उत्कृष्ट आशीर्वादों को प्राप्त करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित प्रार्थना करे:

“प्रभु येशु, में विश्वास करता हूं की आपने मेरे पापों के लिए कलवरी क्रूस पर अपना जीवन दिया। कृपया मेरे पापों को क्षमा करें। अपने लहू के द्वारा मुझे साफ़ करे और पवित्र करे। में आपको मेरे व्यक्तिगत उद्धारकर्ता और परमेश्वर के रूप में स्वीकार करता हूं, अबसे में आपके बेटे के रूप में जीवन को जिऊँगा आमीन”।

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The one who gave his life for you