परमेश्वर का अद्भुत अनुग्रह
जब मैं 14 वर्ष की आयु तक पहुंचा, तब तक मैं पहले से ही हर तरह की विकृति में जीने वाला शराबी और अनैतिक कल्पना करने वाला बन गया था। मैंने एक चम्मच से शराब पीना शुरू किया और 20 लीटर के बड़े डिब्बे में से पिने के द्वारा ख़तम किया। उचित परवरिश या ईसाई अनुशासन के बिना, मैं और मेरे भाई जंगली जानवरों की तरह बड़े हुए। शैतान, ‘इस संसार के राजकुमारने’, मेरी आँखों को अंधा कर दिया और मैंने एक दुखी, स्वार्थी, अधर्मी और विनाशकारी जीवन जीया। ‘ऐसा मार्ग है, जो मनुष्य को ठीक देख पड़ता है, परन्तु उसके अन्त में मृत्यु ही मिलती है’।
31 साल की उम्र में, मेरा पापमय जीवन चरमसीमा पर आ गया। एक रात देर से, में पूरी तरह से नशे मे चूर होकर घर आया और मेरे साथ रहेने वालों के साथ बहस करने लगा। उन्होंने मुझे धमकी दी और मैं घबराने लगा। शैतान जो ‘चोरी करने, और मारने के लिए, और नष्ट करने के लिए’ आता है, उस ने मुझे उन सभी को मेरी .38 कैलिबर पिस्तौल से मारने के लिए मना लिया। उन्हें गोली मारने के बाद, उसने मुझे खुद को मारने के लिए कहा, इसलिए मैंने खुद को पांच बार गोली मारी: दो बार पेट में, दोनों फेफड़ो में एक एक, और एक मेरे सर में।
अचानक, मेरे चारों ओर एक उज्ज्वल प्रकाश चमका और मैंने सुना कि एक बहुत ही भारी तेज हवा मेरी ओर आ रही है। जैसे टेलीविज़न स्क्रीन पर दीखता है, वैसे ही परमेश्वर की आत्माने मेरे बचपन से अब तक के सभी पापों को मेरे सामने प्रगट किया। मुझे एहसास हुआ कि मैं नरक की और बढ़ रहा पापी था, ‘पाप की मजदूरी मृत्यु है’, मैं अपनी आत्मा में नरक की आग को महसूस कर सकता था। तब आत्मा ने कहा: ‘क्योंकि जो कोई प्रभु का नाम लेगा, वह उद्धार पाएगा’। धुँआ निकलती बंदूक अभी भी मेरे हाथ में थी और मेरे शरीर से खून बह रहा था; मैं रात में चिल्लाते हुए बहार आया, ‘प्रभु येशु, मुझे बचाइये!’
तुरंत ही; कुछ असाधारण होने लगा और में परमेश्वर के दूतों और दुष्ट आत्माओ के बिच के प्रबल युध्ध के बारे में जानने को उत्सुक हुआ। परमेश्वर का आत्मा बड़ी आग के समान मुझ पर आया और शराब, धुम्रपान, व्याभिचार, निन्दा, विगेरे सभी अशुध्द आत्माओं को निकाला। येशु मसीह के रक्त ने मुझे इन सभी पापों से मुक्त कर दिया और बड़ी शांति और खुशी से मेरे दिल को भर दिया। परमेश्वर के बेटें के रूप में मेरा ‘फिरसे जन्म’ हुआ अब मैं शैतान की कोईभी शक्ति के आधीन में नहीं हूं। तब यीशु ने मुझे पवित्र आत्मा से भर दिया और मेरे मुँह से एक नई और अन्य भाषा में स्वर्गीय स्तुति निकलने लगी! अभी भी मेरी घायल अवस्था में, मैं लडखडाया और रेल की पटरियों पर असहाय होकर गिर पड़ा। जैसे-जैसे मेरा खून कम होता गया, मेरा शरीर ठंडा होता गया; और फिर, मेरी दहेशत के लिए, मैंने एक ट्रेन को आते देखा! शैतान मुझे मारने की कोशिश कर रहा था, लेकिन प्रभु ने एक पुलिसवाले को ट्रेन रोकने के लिए भेजकर मुझे चमत्कारिक तरीके से बचाया। पुलिसवाले ने मुझे पिने के लिए एक सिगरेट दी, लेकिन अब, पता नहीं क्यों, यह मुझे कुछ अशुद्ध लग रहा था। परमेश्वर ने मुझे मेरी सभी बुरी आदतों से पूरी तरह से छुटकारा दिलाया और मुझे एक नया जीवन दिया। परमेश्वर का बचानेवाला अनुग्रह कितना अद्भुत है!
अस्पताल ले जाने के बाद, हमारे जीवन को बचाने के सभी प्रयास असफल रहे और हम सभी को मरने के लिए छोड़ दिया गया। फिर भी, प्रभु ने कुछ ईसाइयों को हमारे लिए प्रार्थना करने के लिए भेजा और हम सभी पाँचों लोग को तुरंत चंगे हो गए। येशु न केवल आत्मा का उद्धारकर्ता है, बल्कि शरीर को चंगा करने वाला भी है। ‘येशु ने उन आत्माओं को अपने वचन से निकाल दिया, और सब बीमारों को चंगा किया…’और’…उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए’। परमेश्वर के तरीके संपूर्ण हैं और समझ से परे हैं। वह छोटी चिड़ियाओ का भी ख़याल करता है, तो उन सबका कितना ज्यादा ख़याल रखेगा जो उसकी और मुड़ते हैं।
येशु मसीह मेरा उद्धारकर्ता, मेरा चंगाई देने वाला बन गया और इसके तुरंत बाद, वह मेरा ‘वकील’ भी बन गया। मेरे कोर्ट केस के दिन, मैं न्यायाधीश के सामने अरक्षित खड़ा था। सब कुछ मेरे खिलाफ था, लेकिन परमेश्वर ने न्यायाधीश के दिल को छू लिया और उन्होंने मुझे केवल 20 साल की सजा दी। हालाँकि मुझे जेल की सलाखों के पीछे समय बिताना था, पर मेरी आत्मा पंखी के सामान स्वतंत्र थी क्योंकि परमेश्वर ने मुझे अद्भुत रूप से बदल दिया था। ‘जो कोई पाप करता है, वह पाप का दास है…सो यदि पुत्र तुम्हें स्वतंत्र करेगा, तो सचमुच तुम स्वतंत्र हो जाओगे’।
येशु के बारे में और जानने के लिए मेरा ह्रदय इच्छा से भर गया और मैंने प्रार्थना की कि परमेश्वर इस समय जेल में मेरी मदद करें। पहली बार मेरे जेल कक्ष में प्रवेश करने पर, पवित्र आत्मा ने मुझे अपने चारपाई बिस्तर के नीचे देखने के लिए कहा। गद्दे के निचे देखते हुए, बड़े आश्चर्य के साथ, मुझे एक नई बाइबल मिली। हल्लेलुया! समस्या केवल यह थी कि मैंने कभी नहीं सीखा था कि कैसे पढ़ना है; लेकिन परमेश्वर, जो सब कुछ अच्छा करते है, उस ने मुझे दिन-प्रतिदिन सिखाना शुरू कर दिया।
परमेश्वर के वचन को पढ़ते हुए, मैंने पाया की, शाउल जो की एक यहूदी फरीसी था, उसने भी एक उल्लेखनीय रूपांतरण का अनुभव किया था। वह, आज के कुछ लोगों की तरह, यह विश्वास नहीं करता था कि येशु परमेश्वर का पुत्र, मसीहा था। इसलिए, अपने धार्मिक आवेश में उसने अपने समय में कई ईसाइयों को सताया और मार डाला। फिर भी परमेश्वर, जो दया का धनी है, ऐसे आदमी को भी बचा सकता है। मैंने यह भी पढ़ा कि उसके रूपांतरण के तीन दिन बाद, शाऊल को (जिसे अब पॉल के नाम से जाना जाता है) पानी में बपतिस्मा दिया गया और फिर परमेश्वर ने उसे पवित्र आत्मा से भर दिया। इसलिए, क्योंकि इस एक अनुभव की मेरे रूपांतरण में कमी थी, मैंने स्वेच्छा से पहले ही मौके पर पानी में डूबकी लगाकर बपतिस्मा में परमेश्वर की आज्ञा का पालन किया।
जेल में मैंने कई धार्मिक रेडियो प्रसारण सुने और पत्राचार पाठ्यक्रमों के लिए लिखा, लेकिन उनके साहित्य का अध्ययन करने से मैं और अधिक उलजन मे पड़ गया। परमेश्वर ने मुझे बताया कि मैं उन सभी पुस्तकों को नष्ट कर दूं ताकि वह स्वयं अपने वचन बाइबल से मुझे सिखा सके। ‘परन्तु जब वह अर्थात सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा’ जो कोई इंसान नहीं सीखा सकता… वही अभिषेक तुम्हें सब बातें सिखाता है…। परमेश्वर का वचन दिन और रात के लिए मेरी खुशी बन गया। आराम, शक्ति और मार्गदर्शन के स्रोत के रूप में, उनके वचन ने मुझे जेल में अपने सभी वर्षों में एक पवित्र और विजयी जीवन जीने में सक्षम बनाया।
मसीह के प्रेम से विवश होकर, दूसरे मसीहियों के साथ हमने अपने साथी कैदियों को गवाही दी, बाइबल के बारेमें शिक्षा दी, और बिमारों के लिए प्रार्थना की। हम बहुत सताव से गुज़रे और कई बार हमारी जान को ख़तरा हुआ लेकिन हम येशु मसीह के नाम को उठाते रहे और उसकी महिमा करते रहे।
अंत में, 13 सालों बाद अच्छे स्वाभाव के लिए में स्वतंत्र हुआ। फिर, जिस तरह पतरस को जेल से रिहा होने के बाद प्रार्थना करने वाले संतों के एक समूह के पास ले जाया गया था, परमेश्वर ने चमत्कारिक ढंग से मुझे उनके कुछ प्रार्थना करने वाले संतों की ओर जाने की अगवाई की, जिन्होंने अपना सर्वस्व उनकी सेवा करने के लिए न्योछावर कर दिया था। इसके तुरंत बाद, मैंने भी अपना पूरा जीवन उन्हें समर्पित कर दिया, जिन्होंने मेरे लिए खुदको क्रूस पर चढ़ा दिया। अक्सर मैंने सोचा है और खुद से पूछा है, ‘परमेश्वर मेरे जैसे बेकार को उनकी सेवा के लिए क्यों चुनेंगे?’ ‘परन्तु परमेश्वर ने जगत के मूर्खों को चुन लिया है, कि ज्ञान वालों को लज्ज़ित करे; और परमेश्वर ने जगत के निर्बलों को चुन लिया है, कि बलवानों को लज्ज़ित करे; और परमेश्वर ने जगत के नीचों और तुच्छों को, वरन जो हैं भी नहीं उन को भी चुन लिया, कि उन्हें जो हैं, व्यर्थ ठहराए, ताकि कोई प्राणी परमेश्वर के साम्हने घमण्ड न करने पाए’। निश्चित रूप से उनका वचन पूरा हो गया है!
मेरे मित्र, अगर परमेश्वर मेरे जैसे पापी को बचा सकता है, तो वह आपको बचा सकता है, वह किसी को भी बचा सकता है। येशु ने पूरी दुनिया के सारे पापों के लिए क्रूस पर जो खून बहाया था, वह अभी भी सच्चे दिल से उसके पास आने वाले किसी भी पापी को शुद्ध करने, छूटकारा देने, और उसे बचाने में सक्षम है। क्यों न आज उसे अपना जीवन सौंप दिया जाए? यीशु मसीह जल्द ही आने वाला है! वह उस दिन के लिए तैयार होने के लिए पवित्र और विजयी जीवन जीने में आपकी मदद कर सकता है।
प्रकृति का सारा क्षेत्र मेरा था,
यह बहुत छोटी भेंट थी;
प्रेम इतना अद्भुत, इतना दिव्य,
मांगता है मेरा जीवन, मेरी आत्मा, मेरा सब कुछ!
अबसे, ‘मेरे लिये जीवित रहना मसीह है, और मर जाना लाभ है!’
सेवा करने के लिए बचाया गया, शेम्युअल ड्रेइन
प्रार्थना: पिता, मैं अपने सभी पापों के लिए पश्चाताप करता हूं (अपने पापों को विस्तार से अंगिकार करें)। मुझे माफ़ करें, और मुझे अपने बेटें येशु मसीह के खून से साफ़ करें। मुझे अपनी पवित्र आत्मा से सील कर दो और मुझे जल्द ही आने वाले मसीह के लिए तैयार कीजिए; येशु के मान से। प्रभु आपका धन्यवाद! आमीन।
बाइबल सन्दर्भ: ‘ नीतिवचन 14:12; युहन्ना 10:10; रोमियों 6:23; रोमियों 10:9-13; युहन्ना 3:3-5; प्रेरितों के काम 2:1-4; 1 कुरिन्थियों 14:2, 14:18; मत्ती 8:16, 17; 1 पितर 2:24; युहन्ना 8:34, 36; प्रेरितों के काम 9:1-20; युहन्ना 16:13; 1 युहन्ना 2:27; प्रेरितों के काम 12:1-17; लूका 14:26-33; 1 कुरिन्थियों 1:26-29; फिलिप्पियों 1:21
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